बेवजह

बेवजह

कौन होता है दोस्त? दोस्त वो जो
बिन बुलाये आये, बेवजह सर खाए,
जेब खाली करवाए, कभी सताए,
कभी रुलाये, मगर हमेशा साथ निभाए |

शौक

शौक

हम वक्त और हालात के साथ
शौक बदलते हैं, दोस्त नही …|

दोस्ती

दोस्ती

पूछा जब किसी ने दोस्ती क्या है ,
हमने भी कह दिया ,
जब हमसे कोई मिलता है तो,
दोस्ती किए बिना नहीं रह पाता है |

 दोस्त

दोस्त

'शायद फिर वो तक़दीर मिल जाये
जीवन के वो हसीं पल मिल जाये
चल फिर से बैठें वो क्लास कि लास्ट बैंच पे
शायद फिर से वो पुराने दोस्त मिल जाएँ ।'

 दोस्त का खुदा

दोस्त का खुदा

दोस्ती में दोस्त, दोस्त का खुदा होता है,
महसूस तब होता है जब वो जुदा होता है।

चाँद से बेहतर

चाँद से बेहतर

आसमान हमसे अब नाराज है,
तारों का गुस्सा बेहिसाब हैं,
वो सब हमसे जलते है क्योंकि,
चाँद से बेहतर दोस्त हमारे पास हैं।

 दोस्ती के धागों

दोस्ती के धागों

जमाने से कब के गुजर गए होते,
ठोकर ना लगी होती बच गए होते,
बंधे थे बस दोस्ती के धागों में,
वरना कब के बिखर गए होते।